नई दिल्ली:
श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह (Colombo Port) पर अदाणी-जॉन कील्स होल्डिंग (JKH) वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (WCT) को 2025 की पहली तिमाही में अपना पहला जहाज मिलने की आशा है. इससे इस पोर्ट की क्षमता में 1.5 मिलियन बीस-फुट समकक्ष इकाइयों (TEUs) की बढ़ोतरी होगी. जेकेएच के अध्यक्ष कृष्ण बालेंद्र ने यह बात कही है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही पर बुधवार को जेकेएच इनवेस्टर वेबिनार में उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीटी का पहला चरण 2025 की पहली तिमाही में चालू होने की उम्मीद है. यह कोलंबो पोर्ट पर आठ मिलियन टीईयू क्षमता में 1.5 मिलियन टीईयू जोड़ेगा.
उन्होंने कहा कि WCT के लिए क्वे और यार्ड क्रेन का पहला बैच सितंबर में आ गया है. क्रेन की कमीशनिंग 2024 की चौथी तिमाही तक पूरी होने की उम्मीद है.
JKH की तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण में क्वे की लंबाई से दो बड़े जहाजों की एक साथ सर्विसिंग की सुविधा उपलब्ध होगी. रिपोर्ट में शेयरधारकों को बताया गया कि “टर्मिनल का बाकी हिस्सा 2026 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है.”
उन्होंने कहा कि श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी द्वारा संचालित ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ECT) के संचालन की समय-सीमा स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि ईसीटी चालू भी हो जाता है तो टर्मिनल का केवल एक हिस्सा ही चालू हो पाएगा, जिससे कोलंबो पोर्ट की क्षमता में वृद्धि कोई मायने नहीं रखेगी.
ईसीटी परियोजना के पूर्ण रूप से चालू हो जाने पर कोलंबो पोर्ट में अधिकतम 2.4 मिलियन टीईयू क्षमता जुड़ने की उम्मीद है.
बालेंद्र ने कहा कि, “हमें यह देखना होगा कि ECT का बाकी हिस्सा कितनी जल्दी चालू हो जाए. अगर यह अगले 18 महीनों में चालू हो जाता है, जो कि हमारे हिसाब से संभव नहीं लगता, तो इसका असर हो सकता है. अगर यह (चालू होने में) कुछ सालों का समय लेता है तो यह बंदरगाह की क्षमता में कोई खास बढ़ोतरी नहीं करेगा.”
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