नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए स्मारक स्थल को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जारी खींचतान जारी है. इस बीच सरकार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के ही पूर्व नेता प्रणब मुखर्जी के स्मारक को लेकर मंजूरी दे दी है. प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खुद ट्वीट कर राष्ट्रीय स्मृति स्थल में जगह दिए जाने की जानकारी दी है.
प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे. 2020 में उनका निधन हो गया था.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर लिखा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मेरे पिता के लिए स्मारक बनाने के सरकार के फैसले के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.” उन्होंने ये भी कहा कि मेरे परिवार ने सरकार से इसको लेकर कोई मांग नहीं की थी. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र की प्रति भी साझा की, जिसमें ये कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक राजघाट में राष्ट्रपतियों, उप-राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के लिए नामित स्मारक परिसर ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ के भीतर बनाया जाएगा.
उन्होंने आगे लिखा, “बाबा (प्रणब मुखर्जी) कहा करते थे कि राजकीय सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए, इसे खुद दिया जाना चाहिए. मैं बहुत आभारी हूं कि पीएम मोदी ने बाबा की स्मृतियों का सम्मान करने के लिए ऐसा फैसला लिया है.”
Referred to as on Hon’ble PM @narendramodi ji to specific thanks & gratitude from core of my coronary heart 4 his govts’ choice 2 create a memorial 4 baba. It is extra cherished contemplating that we did not ask for it. Immensely touched by this sudden however actually gracious gesture by PM🙏 1/2 pic.twitter.com/IRHON7r5Tk
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) January 7, 2025
गौरतलब है कि 26 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया था. हालांकि उससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था और डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार उस स्थान पर करने के लिए कहा था जहां उनका स्मारक बनाया जा सके.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि लोग ये समझने में असमर्थ हैं कि सरकार पूर्व पीएम के दाह संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान क्यों नहीं ढूंढ पाई. ये भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जानबूझकर किया गया अपमान है.
पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा था कि यह विडंबना है कि कांग्रेस सरकार को परंपराओं की याद दिला रही है, लेकिन उसने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के लिए कभी स्मारक नहीं बनाया.
बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा था, “कांग्रेस ने 2004-2014 तक सत्ता में रहने के 10 सालों में उनके लिए कभी कोई स्मारक नहीं बनाया. यह केवल पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव के लिए एक स्मारक बनाया और उन्हें 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया.”
वहीं इस मुद्दे पर प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि जब 2020 में उनके पिता का निधन हुआ था, तो कांग्रेस ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, कांग्रेस कार्य समिति की बैठक भी नहीं बुलाई थी. शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया.
शर्मिष्ठा के मुताबिक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की सीडब्ल्यूसी द्वारा शोक सभा बुलाने की परंपरा नहीं रही है. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेताओं के इस तर्क को भी गलत बताया और कहा कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी. उस दौरान शोक संदेश का मसौदा खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था.
विवाद बढ़ने पर गृह मंत्रालय ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के लिए एक उपयुक्त स्मारक स्थल चुना जाएगा. सूत्रों ने पिछले हफ्ते कहा था कि पूर्व पीएम के लिए ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ समेत एक जगह की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और सरकार उनके परिवार के संपर्क में है.
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