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राहुल गांधी ने महाराष्ट्र-हरियाणा में फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया, पर चुनाव आयोग से शिकायत नहीं की. ECI ने कांग्रेस को बूथ लेवल एजेंट तैनात करने की सलाह दी.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी.
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी ने फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया, पर शिकायत नहीं की.
- ECI ने कांग्रेस को बूथ लेवल एजेंट तैनात करने की सलाह दी.
- चुनाव आयोग ने कांग्रेस को पहले ही जवाब दे दिया था.
महाराष्ट्र-हरियाणा में फर्जी वोटिंग को लेकर राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए. लेकिन जब आयोग ने जवाब मांगा तो कांग्रेस ने चुप्पी साध ली. अब खुद इलेक्शन कमीशन ने सामने आकर कह दिया है कि 48 घंटे हो गए, राहुल गांधी की तरफ से अब तक कोई शिकायत नहीं आई. तो फिर ये सियासी ड्रामा किसलिए? इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग से फिर सवाल पूछा. उन्होंने पूछा, अचानक महाराष्ट्र में वोटरों की संख्या में भारी वृद्धि कैसे हुई. वोटर टर्नआउट के अंतिम आंकड़ों में उछाल कैसे आया? इस उछाल को जस्टिफाई करने के लिए वीडियोग्राफी कहां है? चुनाव आयुक्त चयन पर प्रणाली पर भी सवाल है. वोटर लिस्ट का सार्वजनिक न करना भी सवाल खड़े करता है. 2024के लोकसभा और महाराष्ट विधानसभा के वक्त मतदाता सूची जारी की जाए. साथ ही शाम 5 बजे के बाद हुई वोटिंग को वीडियोग्राफी जारी की जाए.
कांग्रेस को पहले ही मिला था जवाब
चुनाव आयोग ने ये भी साफ किया है कि 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को उनके सवालों पर जवाब दे दिया गया था और यह जवाब आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. यानी कांग्रेस पार्टी को पहले ही जानकारी मिल चुकी है, फिर दोबारा सवाल खड़े करने का क्या मकसद?
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को सलाह दी है कि वे अपने जिला अध्यक्षों से कहें कि हर बूथ पर बूथ लेवल एजेंट (BLA) तैनात करें और इलेक्टोरल रोल्स की सालाना अपडेट प्रक्रिया में हिस्सा लें. यही नहीं, आयोग इन एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण भी दे रहा है. सभी राजनीतिक दलों को बराबर का मौका दिया जा रहा है. कांग्रेस चाहे तो इस प्रक्रिया में भाग लेकर अपनी शंका दूर कर सकती है.
नहीं मानते तो भरोसा BLOs पर करें
अगर कांग्रेस BLA भेजना नहीं चाहती, तो फिर उन्हें बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) पर भरोसा करना चाहिए, जिन्हें वैधानिक रूप से निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारियों (EROs) द्वारा नियुक्त किया गया है. ECI का कहना है कि वोटर लिस्ट, मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया वैधानिक अधिकारियों द्वारा Article 324 के तहत की जाती है. और इन सभी के ऊपर चुनाव आयोग की सीधी निगरानी होती है.
रेफरी से लड़ना छोड़िए, मैदान में खेलिए
ECI ने राहुल गांधी की रणनीति पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई पार्टी पहले से हार की आशंका में तैयारी करना चाहती है, तो उसे राजनीतिक मैदान में करें, न कि रेफरी (ECI) को ही दोषी ठहराकर भ्रम फैलाएं. आयोग ने कहा कि भारत के वोटर अब इतने जागरूक हैं कि वे यह समझ सकते हैं कि कांग्रेस बार-बार हार के बाद चुनाव आयोग पर ही सवाल क्यों उठाती है. जनता देख रही है कि जब भी नतीजे कांग्रेस के मनमाफिक नहीं आते, तो वह प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर देती है – जबकि ECI सिर्फ संवैधानिक दायरे में काम कर रहा है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is related to hindi.news18.com. engaged on residence web page. He has 20 yrs of wealthy expertise in journalism. He Began his profession with Amar Ujala then labored for ‘Hindustan Instances Group…और पढ़ें
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