खजाना खुलेगा वीडियोग्राफी के साथ
मंदिर के गर्भगृह के नीचे बने तोषखाने को खोलने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में एक ऑडिटर, सिविल जज, एसीएम वृंदावन, सीओ वृंदावन और गोस्वामी समाज का प्रतिनिधि सदस्य होंगे. तोषखाना खोलते समय पूरी वीडियोग्राफी होगी और उसकी रिपोर्ट संयुक्त हस्ताक्षर के साथ हाईपावर कमेटी को सौंपी जाएगी.
बांके बिहारी जी के खजाने में शामिल हैं:
– पन्ना का मोरनी हार
– सहस्त्र फनी रजत शेषनाग
– स्वर्ण कलश में रखे गए नवरत्न
– दुर्लभ आभूषण व गहने
यह खजाना आखिरी बार साल 1971 में खोला गया था, जिसके बाद कई बेशकीमती आभूषण बैंक में जमा कर दिए गए थे.
मंदिर के इतिहासकार आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी के अनुसार, तोषखाने का निर्माण वर्ष 1864 में वैष्णव परंपरा के तहत करवाया गया था. यह मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का अहम हिस्सा है. उन्होंने बताया कि यह तोषखाना मंदिर के गर्भगृह में श्री बांके बिहारी जी महाराज के सिंहासन के ठीक नीचे है.
संपत्ति का विवरण भी मांगा गया
हाईपावर कमेटी ने यह भी निर्देश दिया है कि मंदिर के पास कितनी चल व अचल संपत्ति है, इसका पूरा विवरण 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाए. साथ ही, 2013 से 2016 के बीच की अवधि का विशेष ऑडिट भी कराया जाएगा.
सुरक्षा और संरचना की होगी समीक्षा
अब मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी गार्ड्स के बजाय पूर्व सैनिकों या नामचीन सिक्योरिटी एजेंसी को सौंपी जाएगी. आईआईटी रुड़की से मंदिर की संरचना और भवन की मजबूती के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा.
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