दिल्ली रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने सभी बिल्डरों से अपनी आवासीय या वाणिज्यिक परियोजनाओं का पंजीकरण कराने को कहा है. दिल्ली रेरा ने तुरंत पंजीकरण कराने या फिर नतीजे भुगतने के लिए आगाह भी किया है. प्राधिकरण ने चार सितंबर को जारी एक आदेश में कहा कि इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर परियोजना की अनुमानित लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना या तीन साल तक की कैद या दोनों हो सकते हैं.
दिल्ली रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां दिल्ली में बिल्डरों ने रेरा के दायरे में आने वाली अपनी आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं को पंजीकृत नहीं किया है. उन्होंने बताया कि चार तरह की परियोजनाओं के लिए रेरा पंजीकरण अनिवार्य है. पहली श्रेणी में ऐसी रियल एस्टेट परियोजनाएं आती हैं, जो 500 वर्ग मीटर से अधिक के प्लॉट पर पट्टे या बिक्री के लिए विकसित की जा रही हैं.
कुमार ने कहा कि दूसरी श्रेणी में वे परियोजनाएं हैं, जहां प्लॉट का आकार चाहे जितना हो, लेकिन सभी चरण में बिक्री के मकसद से आठ से अधिक प्लैट, अपार्टमेंट, फ्लोर, दुकानें, वाणिज्यिक या कार्यालय इकाइयां बनाई जा रही हैं.
तीसरी श्रेणी ऐसी परियोजनाओं की है, जहां 500 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंड पर प्लॉट को बेचा जा रहा है या पट्टे पर दिया जा रहा है. चौथी श्रेणी में उन परियोजनाओं को रखा गया है, जिनके पास एक मई 2017 को पूर्णता प्रमाणपत्र नहीं था, और जिन पर काम भी जारी है.
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