Mohammad Javed, Owaisi, Amanatullah Khan On Waqf Invoice: कांग्रेस (Congress) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) के बाद वक्फ अमेंडमेंट बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) तीसरी विपक्षी पार्टी बन गई है. संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इस विधेयक को कानून बनने के लिए अब महज राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है. विपक्षी दलों का दावा है कि वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने वाला प्रस्तावित विधेयक भेदभावपूर्ण है और मुसलमानों को टारगेट करने के लिए लाया गया है.
आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने अपनी याचिका में कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल से मुसलमानों की धार्मिक स्वायत्तता कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार का हस्तक्षेप अल्पसंख्यकों के अपने संस्थानों का प्रबंधन करने के अधिकारों को कमजोर करता है.
अमानतुल्लाह खान की याचिका में क्या


वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए अमानतुल्लाह खान ने कहा कि यह कानून नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, जिसमें समानता की स्वतंत्रता, धार्मिक मामलों का प्रबंधन और अल्पसंख्यकों के अधिकार शामिल हैं. उनकी दलील के अनुसार, यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को कम करता है, मनमाने ढंग से कार्यकारी हस्तक्षेप को सक्षम बनाता है और अल्पसंख्यकों के अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अधिकारों को कमजोर करता है. अमानतुल्लाह खान की याचिका दो अन्य विपक्षी सांसदों, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर की गई इसी तरह की चुनौतियों के बाद आई है.
मोहम्मद जावेद की याचिका में क्या


कांग्रेस के मोहम्मद जावेद वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, क्योंकि इसमें ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो अन्य धर्मों के संस्थानों पर लागू नहीं होते. इस कानून के खिलाफ प्रमुख चिंताओं में से एक वक्फ परिषदों और राज्य बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है.
ओवैसी वक्फ बिल पर क्या कह रहे


ओवैसी ने तर्क दिया कि हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड या जैन बंदोबस्ती बोर्ड के मामले में ऐसा नहीं है और यह संविधान का गंभीर उल्लंघन है. ओवैसी ने कल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि बीजेपी संसद में अपने बहुमत का इस्तेमाल सुधार के लिए नहीं, बल्कि मुसलमानों के सभी अधिकारों को नष्ट करने और उनसे छीनने के लिए कर रही है.आप एक ऐसा कानून बनाकर मुसलमानों पर युद्ध छेड़ रहे हैं. विधेयक का बचाव करते हुए बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने एनडीटीवी से कहा कि यह वक्फ बोर्डों को जवाबदेह बनाकर पारदर्शिता लाएगा. इस आशंका को दूर करने की कोशिश करते हुए कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को छीन लेगा, उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी मस्जिद या कब्रिस्तान को छुआ नहीं जाएगा.
वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन


विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के बाद लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से पारित कर दिया, जबकि इसके बाद राज्यसभा ने भी इसे 128 मतों के पक्ष में और 95 मतों के विपक्ष में पारित कर दिया. विधेयक के पारित होने के बाद शुक्रवार की साप्ताहिक नमाज के बाद कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे विभिन्न शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.
वक्फ बिल पर चौथी याचिका किसकी
वक्फ अमेंडमेंट बिल के प्रावधानों को लागू करने या उसे कार्यान्वित करने पर रोक लगाए जाने की मांग करते हुए चौथी याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गई है. इस बिल की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दाखिल की गई याचिका में कहा है कि वक्फ एक्ट 1995 मे जो संशोधन कर नया विधेयक बनाया गया है. यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26, 29, 30 और 300-ए के तहत निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर्स ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दाखिल की है. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को लाभ पहुंचाएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा.
Discover more from News Journals
Subscribe to get the latest posts sent to your email.