23.1 C
Indore
Monday, September 1, 2025
Home हिंदी न्यूज़ महिला दिवस: आने वाले वक्त के लिए खुद को तैयार करें पुरुष

महिला दिवस: आने वाले वक्त के लिए खुद को तैयार करें पुरुष


एक मिनट के लिए कल्पना कीजिए कि आपके आसपास कोई महिला नहीं है. घर में नहीं. दफ्तर में नहीं. आपके पास पड़ोस में नहीं. आपके शहर में नहीं. कैसी होगी दुनिया? अधूरी, या उससे भी कम? कमजोर? बेरंग? आपको चंद लम्हों में समझ आएगा कि आपका, आपके आसपास की चीजों का और इस दुनिया का नूर महिलाओं से है. तो फिर आज भी अपने समाज का एक बड़ा तबका इस दुनिया को बेनूर बनाने पर क्यों तुला है?

ये हंसी मजाक की बात हो गई है कि हर कामयाब पुरुष के पीछे किसी महिला का हाथ होता है. लेकिन असल में ये बात सिर्फ कहने के लिए नहीं है. सच्चाई है. पीछे मुड़कर देखिए, आप अपनी कामयाबी के लिए किसी न किसी महिला के शुक्रगुजार होंगे. तो महिलाओं की और महिलाओं के होने की कद्र करें, उनके लिए नहीं, अपने लिए.

महिलाओं से डरते हैं पुरुष!

इस पर काफी कुछ लिखा गया है कि महिलाएं कई कारणों से पुरुषों की तुलना में बेटर जेंडर हैं. इस पर भी दलीलें दी गई हैं कि पुरुषों को ये बात मालूम है, इसलिए महिलाओं को आगे आने नहीं देना चाहते. महिलाओं पर रोक-टोक के पीछे पितृ सत्तात्मक सोच की बात होती है, लेकिन उसके पीछे असल में कमजोर होने का डर है, ऐसा भी कहा गया है.

  • पिछले कई सालों से CBSE परीक्षाओं में लड़कों से बेहतर लड़कियां कर रही हैं. 
  • आप पुरुष और महिला बॉस वाली कंपनियों में तुलना कर लीजिए. महिला बॉस वाली कंपनी काम करने के लिए बेहतर जगह होगी. 
  • सेबी के एक सर्वे के मुताबिक F&O ट्रेडिंग में महिला ट्रेडर्स को वित्त वर्ष 2023-24 में पुरुष ट्रेडर्स की तुलना में कम नुकसान हुआ.
  • एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन की एक स्टडी बताती है कि महिला डॉक्टरों से इलाज कराने वालों को मौत का खतरा कम रहता है.
  • व्हीबॉक्स इंडिया स्किल्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं नौकरी देने लायक हैं.

बेहतर कल के लिए एक संकल्प आज 

आप अपने अनुभव के तराजू पर तौल कर देख लीजिए. आप लोकल एमएलए एक महिला चाहेंगे या एक पुरुष? भ्रष्टाचार कौन ज्यादा करेगा? आपके दुख दर्द कौन ज्यादा सुनेगा? बेहतर काम कौन करेगा? अपने स्कूल के दिनों को याद कीजिए, मैम बेहतर थे या सर?

Add image caption here

आज हर राजनीतिक दल महिला केंद्रित राजनीति कर रहा है. इसके दूरगामी परिणाम होंगे. हाल फिलहाल हुए राज्यों के चुनावों को देख लीजिए. महिलाओं ने सरकारें गिराई हैं, सरकारें बनाई हैं. बोर्ड रूम से लेकर फोर्स और सत्ता केंद्रों में महिलाओं की दखल बढ़ने वाली है. खेत-खलिहानों से लेकल आर्थिक रूप से भी महिलाएं और मजबूत होने वाली हैं. पुरुषों को आने वाले वक्त के लिए खुद को तैयार करना है तो जेंडर संघर्ष के रास्ते को छोड़कर सहयोग का रास्ता अख्यितार करना चाहिए, करना ही पड़ेगा.

तो एक बेहतर जीवन, घर, दफ्तर, समाज चाहते हैं तो महिला दिवस एक दिन न मनाएं. रोज मनाएं. ऐसा इसलिए ना करें क्योंकि महिलाओं पर कोई ऐहसान करना है, अपने भले के लिए करें. इस महिला दिवस पर एक शुरुआत कर सकते हैं. रोज कुछ ऐसा करें जो आपके करीब किसी महिला को फील गुड कराए. ऐसा करेंगे तो अपने बेहतर भविष्य में निवेश करेंगे.

संतोष कुमार पिछले 25 साल से पत्रकारिता से जुड़े हैं. डिजिटल, टीवी और प्रिंट में लंबे समय तक काम किया है. राजनीति समेत तमाम विषयों पर लिखते रहे हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.



Source by [author_name]


Discover more from News Journals

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Most Popular

Access Denied

Entry Denied You do not have permission to entry "http://www.gadgets360.com/science/information/nasa-roscosmos-astronauts-probe-bone-and-brain-changes-international-space-station-iss-9197065" on this server. Reference #18.349419b8.1756746625.a6723c5 https://errors.edgesuite.web/18.349419b8.1756746625.a6723c5

Singapore in talks with IN-SPACe to strengthen space partnership – The Economic Times

Indian house regulator and promoter IN-SPACe’s counterpart in Singapore, the Office for Space Technology & Industry (OSTIn), is trying to deepen collaboration with...

Recent Comments