28.1 C
Indore
Sunday, July 6, 2025
Home हिंदी न्यूज़ 'विकसित भारत' बनने के लिए 10 साल में कौन से 10 काम...

‘विकसित भारत’ बनने के लिए 10 साल में कौन से 10 काम करने होंगे? वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविन्द पानगड़िया ने बताया



नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 अगस्त 2022 को आजादी की 77वीं सालगिरह पर लाल किले से संबोधित करते हुए देश के लिए एक बड़े सपने का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था- “मेरा सपना है कि जब हम आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे, तो भारत एक विकसित (Viksit Bharat) देश होगा.” 2047 में भारत की आजादी को 100 साल हो जाएंगे. इसलिए मोदी सरकार (Modi Authorities) ने 2047 तक विकसित भारत का टारगेट रखा है. जबकि भारत की इकोनॉमी (Indian Financial system) को 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है. इन दोनों सपने को हासिल करने के लिए हिन्दुस्तान को एक लंबा सफर तय करना है. 

‘विजन 2047’ को हासिल करने के लिए क्या खाका होना चाहिए? कौन सी बातों पर फोकस करना चाहिए? किन क्षेत्रों में किस तरह के रिफॉर्म की जरूरत है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने 16वें वित्त आयोग के मौजूदा चेयरमैन डॉ. अरविन्द पानगड़िया और पूर्व चेयरमैन एनके सिंह से एक्सक्लूसिव बातचीत की है. 

16वें वित्त आयोग के चेयरमैन के तौर पर डॉक्टर अरविंद पानगढ़िया का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2025 तक है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर लिखी उनकी किताब ‘ द नेहरू डेवलपमेंट मॉडल’ हाल ही में रिलीज हुई है. NDTV के साथ इंटरव्यू में पानगड़िया ने समझाया कि ‘विकसित भारत’ बनने का पैमाना क्या होना चाहिए. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को आने वाले 10 साल में कौन-कौन से 10 रिफॉर्म करने की जरूरत है. 

1. लेबर लॉ को लागू करना
अरविन्द पानगड़िया ने कहा, ” सबसे पहला रिफॉर्म लेबर लॉ को लेकर किया जा सकता है. इस लॉ को 2019-2020 में पास किया गया था. इसे लागू करना बड़ा रिफॉर्म होगा. इसका मुश्किल काम पूरा हो चुका है. ये बिल पार्लियामेंट से पास हो चुका है. इसलिए इसे लागू करने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए.” 

2. टेक के एरिया में GST को कुछ आसान बनाना
पानगड़िया ने कहा, “सरकार को टेक्नोलॉजी एरिया में GST को सिम्प्लिफाई यानी आसान करने की जरूरत है.
GST से पहले का युग VAT, Service Tax और एक्साइज ड्यूटी जैसे टैक्स से भरा हुआ था. इसका व्यापक असर हुआ और कॉस्ट बढ़ गई. GST ने एक समान टैक्स लागू करके इसे खत्म करने की कोशिश की. इससे IT सेक्टर में टैक्स स्ट्रक्चर कुछ आसान हो गया, लेकिन इसे और आसान बनाना होगा. 

3. पर्सनल इनकम टैक्स को भी आसान करने की जरूरत
पानगड़िया के मुताबिक, तीसरा रिफॉर्म पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर है. मौजूदा समय में कई टैक्स स्लैब हैं, जो टैक्सपेयर्स के लिए भ्रमित करने वाले हो सकते हैं. सरकार टैक्स स्लैब को कम कर सकती है और उन्हें ज्यादा आसान बना सकती है. इसके साथ ही टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाकर भी पर्सनल इनकम टैक्स सिंप्लिफाई कर सकती है.

4. प्राइवेटाइजेशन का एजेंडा 
16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक, सरकार को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने के एक बार फिर से प्राइवेटाइजेशन का एजेंडा पिक करना होगा. मोदी सरकार के दूसरे टर्म में एअर इंडिया, नीलांचल और स्टील वगैरह का निजीकरण किया गया है. इससे इसे आगे बढ़ने की जरूरत है.

Latest and Breaking News on NDTV

5. पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी को बूस्ट करना
पानगड़िया कहते हैं, “विकसित भारत के टारगेट को हासिल करने के लिए पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी को बूस्ट करना होगा. दूसरे टर्म में मोदी सरकार ने पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी जारी की थी. इसे तीसरे टर्म में आगे बढ़ाना है.”

6. हायर एजुकेशन में रिफॉर्म
उन्होंने कहा, “मौजूदा हायर एजुकेशन के स्ट्रक्चर में रिफॉर्म की बहुत जरूरत है. अभी तक हायर एजुकेशन का मैकानिज्म यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के 1956 के एक्ट से चल रही है. हालांकि, सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के 1956 के लॉ को रिफॉर्म कर दिया था. नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट के तहत इसे रिप्लेस किया गया है. यही रिफॉर्म अब हायर एजुकेशन में लाना है.”

7. लैंड एरिया को लेकर भी बड़े रिफॉर्म की जरूरत
अरविन्द पानगड़िया के मुताबिक, लैंड एरिया को लेकर बड़े रिफॉर्म करने होंगे. हमने जो भूमि अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) पास किया था, उसकी वजह से जमीन की कीमत काफी ज्यादा हो गई हैं. उससे पब्लिक प्रोजेक्ट में दिक्कत आती है. इंडस्ट्रियलाइजेशन के लिए प्राइवेट एंटरप्राइजेज को परेशानी आती है. क्योंकि उन्हें बड़े पैमाने पर जमीन नहीं मिलती. इसलिए लैंड एरिया को लेकर भी रिफॉर्म की जरूरत है.”

8. प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना होगा
उन्होंने कहा, “विकसित भारत बनने के लिए हमारी प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Earnings) करीब 12 हजार 800 या 12 हजार 900 अमेरिकी डॉलर के आसपास होनी चाहिए. अगर हम 2022-2023 की प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा लेकर चलते हैं, तो ये 2 हजार 500 डॉलर था. इसे करीब 13 हजार और उससे ज्यादा तक पहुंचाने के लिए हमें करीब 7.6% GDP (Gross Home Product) ग्रोथ रेट की जरूरत है.”

9. करीब 8.2% GDP ग्रोथ
पानगड़िया ने कहा, “भारत अगले 20-25 साल के बारे में सोच रहा है. 2047 तक देश की आबादी में बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं होने वाली है. 2047 तक देश की जनसंख्या में ज्यादा से ज्यादा 0.5% या 0.6% बढ़ेगी. ऐसे में अगर में 7.6% Per Capita Earnings ग्रोथ चाहिए, तो जनसंख्या वृद्धि को जोड़ते हुए हमें करीब 8.2% GDP ग्रोथ चाहिए. 7.9% का GDP ग्रोथ तो हमने पिछले 20 साल में हासिल किया है.” 

10. वन इलेक्शन वन इलेक्शन को लागू करना
पानगड़िया कहते हैं, “वन नेशन वन इलेक्शन बहुत अहम है. इसके फायदे लॉन्ग टर्म में हैं. इकोनॉमिक रिफॉर्म्स के नजरिए से देखें, तो जब इलेक्शन 5 साल में एक बार होने लगेंगे; तो सरकारों को रिफॉर्म करने के लिए बड़ा विंडो और ज्यादा वक्त मिलेगा. अभी ऐसा रिफॉर्म करना सरकार के लिए बहुत मुश्किल है.”

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार मई 2024 में चुनकर आई. इसके बाद एक के बाद एक स्टेट इलेक्शन हो रहे हैं. अगर एक साल का विंडो भी लें, उसमें भी एक दिल्ली का इलेक्शन है और फिर बिहार में चुनाव होने हैं. ऐसे में रिफॉर्म के लिए सरकार को पर्याप्त समय नहीं मिलता. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों के लिए अगर हम वन नेशन वन इलेक्शन कर पाते हैं, तो हमें उसका बड़ा रिटर्न मिलेगा.”
 




Source by [author_name]


Discover more from News Journals

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Most Popular

Punnamada bridge work making headway

The development of a bridge connecting the Nehru Trophy Ward in Alappuzha municipality to the mainland (Punnamada) is making progress. The bridge is being...

Monica Sementilli says she did not help plan the murder of her L.A. beauty exec husband. Will a jury believe her?

This story beforehand aired on March 9, 20204. It was up to date on July 5, 2025.In 2017, Monica...

All the international talent working on Ranbir Kapoor-Yash starrer ‘Ramayana’

The primary-glimpse teaser of Nitesh Tiwari’s Ramayana has impressed awe and marvel amongst followers, with some hailing it as a brand new daybreak...

Recent Comments