प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
Delhi Coronavirus: दिल्ली सरकार ने शनिवार को दिया गया अपना एक अहम आदेश रविवार को वापस ले लिया. दिल्ली सरकार ने अपना वह आदेश वापस ले लिया है जिसमें उसने ऐसे नर्सिंग होम जिनके यहां बेड की क्षमता 10 से लेकर 49 तक है को कोविड नर्सिंग होम घोषित किया था. ऐसे सभी नर्सिंग होमों को आदेश दिया गया था कि तीन दिन के अंदर वे नर्सिंग होमों को कोरोना के हिसाब से तैयार करें. ऐसा ना करने पर नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी कि इस कदम से 5000 बेड और जुड़ जाएंगे. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने अपने इस आदेश को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है.
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में केंद्र सरकार ने तुरंत रेलवे कोच देने की घोषणा की है जिससे करीब 4800 बेडों की व्यवस्था हो गई है. इसलिए नर्सिंग होमों को कोरोना नर्सिंग होम में बदलने का फैसला वापस ले लिया गया है.
दिल्ली सरकार ने शनिवार को 10 से 49 बिस्तर की क्षमता वाले सभी छोटे एवं मध्यम मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम को ”कोविड-19 नर्सिंग होम” घोषित कर दिया था. कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था.
आदेश में कहा गया था कि केवल विशेष तौर पर आंख, कान एवं गले का इलाज करने वाले केंद्रों, डायलिसिस केंद्रों, प्रसव गृहों और आईवीएफ केंद्रों को इससे छूट दी गई है. छोटे और मध्यम मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम (10 से 49 बिस्तर वाले) में कोविड और गैर-कोविड मरीजों के परस्पर एक-दूसरे के सपंर्क में आने से बचने के लिए और कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ऐसे सभी नर्सिंग होम को कोविड-19 नर्सिंग होम घोषित किया गया था जिनकी बिस्तर क्षमता 10-49 है.
आदेश में कहा गया था कि ऐसे सभी नर्सिंग होम को आदेश जारी होने के तीन दिन के अंदर अपने कोविड बिस्तरों को तैयार रखना चाहिए, ऐसा करने में विफल रहने वालों को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण के नियमों के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा.
VIDEO : बेडों की कमी दूर करने के लिए दिल्ली सरकार का फैसला
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