महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 88528 हो गया है.
मुंबई:
कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच सोमवार से Unlock1 के तहत देश के कई राज्यों में पाबंदियों में ढील दी गई है. आधिकारिक तौर पर इसे लॉकडाउन हटाने की दिशा में पहला फेज माना जा रहा है. इस बीच मुंबई के प्राइवेट अस्पतालों में नियमों का सुचारू रूप से पालन कराने के लिए पांच IAS अधिकारियों के एक विशेष समूह की नियुक्ति की गई है. इस समूह का गठन उन शिकायतों के बाद हुआ है, जिसमें कहा गया है कि निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे और जिन लोगों को भर्ती किया गया उनसे ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं.
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इस बात की आशंका जताई जा रही है कि लॉकडाउन के धीरे-धीरे खत्म होने की वजह से अधिक बेड की जरूरत होगी, जिसे देखते हुए सरकार ने निजी अस्पतालों में 80 फीसदी बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. लेकिन बीते हफ्ते राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अस्पतालों का दौरा किया और इस दौरान उन्हें कई खामियों का पता लगा था.
टोपे ने पत्रकारों से कहा, ‘अगर निजी अस्पताल आदेश के अनुसार हमें बेड नहीं देते हैं, जिनकी हमें जरूरत है तो यह गलत है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद निजी अस्पतालों का दौरा किया है कई कमियां देखी हैं. हमने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.’
मुंबई शहर के गार्डियन मिनिस्टर असलम शेख ने कहा, ‘कई सारे अस्पताल सरकारी आदेशों का पालन नहीं कर रहे. इसलिए हमने आईएएस अधिकारियों का समूह बनाया है. सरकार की चेतावनी के बावजूद कुछ जगहों पर तय सीमा से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं, इसलिए हमने जांच के लिए ऑडिटर नियुक्त किया है.’
जिस नई टटीम का गठन किया गया है वह सुनिश्चित करेगी कि निजी अस्पताल सरकारी नियमों का पालन करें. जब सरकार ने 80 फीसदी बेड कोरोनावायस से संक्रमित मरीजों के लिए रखे हैं तो अस्पताल सरकार द्वारा तय शुल्क ही ले सकते हैं. उन्हें बेड की उपलब्धता को लेकर रियल टाइम डाटा भी अपडेट करने की जरूरत होती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निजी अस्पताल मरीजों को इलाज के लिए इनकार नहीं कर सकते. निजी अस्पतालों ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है. महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोनावायरस के रिकॉर्ड 2,553 मामले सामने आए जिसके साथ ही राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 88528 हो गया जबकि मृतकों की संख्या 3,169 हो गई है.
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