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Karur Stampede: करूर में तमिलनाडु वेत्री कझगम नेता विजय की रैली में बिजली गुल होने से भगदड़ मची, 38 लोगों की मौत, कई घायल. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इमरजेंसी हालात के आदेश दिए.


चेन्नई. तमिलनाडु के करूर में शनिवार को एक चुनावी रैली में अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिसमें कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. बताया गया कि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि आपातकालीन टीमें और वरिष्ठ राज्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. तमिलनाडु वेत्री कझगम (टीवीके) नेता और एक्टर विजय द्वारा आयोजित यह रैली वेलुसामीपुरम में शाम लगभग 7:20 बजे शुरू हुई.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक बिजली गुल होने से कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई. विजय का भाषण सुनने के लिए इकट्ठा हुए हजारों लोग भीड़ में फंस गए. घटना से पहले, विजय अवैध रेत खनन, खनिज चोरी और करूर को प्रभावित करने वाले अन्य नागरिक मुद्दों सहित स्थानीय शिकायतों को लेकर बात कर रहे थे.
उन्होंने डीएमके सरकार की आलोचना की और अगले छह महीनों में सत्ता परिवर्तन की भविष्यवाणी की, लेकिन जैसे ही बत्ती बुझी, भरी भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. अधिकारियों के अनुसार, खराब वेंटिलेशन और भीड़भाड़ ने स्थिति और बिगाड़ दी.
माता-पिता और स्वयंसेवक बेहोश बच्चों को कार्यक्रम स्थल से बाहर ले जाते देखे गए, जबकि अन्य लोग एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे. करूर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को स्थिर किया और आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ते खोले.
35 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि छह बच्चों सहित 50 से ज्यादा लोगों को करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है. डॉक्टरों ने कहा कि तीन बच्चे अभी भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्थिति पर नजर रखते हुए तत्काल आपातकालीन प्रतिक्रिया के आदेश दिए हैं.
उनके निर्देशों पर मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी और मा सुब्रमण्यम बचाव, चिकित्सा देखभाल और भीड़ नियंत्रण उपायों की निगरानी के लिए करूर पहुंचे हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) डेविडसन देवसिरवथम ने भी पुलिस की सहायता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करूर जिले का दौरा किया. बाद में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई और भीड़ तितर-बितर हो गई, लेकिन ऐसे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पर्याप्तता पर सवाल उठ रहे हैं.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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