Final Up to date:
डोनाल्ड ट्रंप की जिद और ईगो ने भारत-अमेरिका रिश्तों को कई दशक पीछे धकेल दिया है. उनके कॉमर्स सेक्रेटरी कह रहे हैं कि भारत भी कुछ समय बाद कनाडा की तरह ‘सॉरी’ बोलेगा.


बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका-भारत के रिश्तों को रसातल में पहुंचाने के लिए याद रखा जाएगा. उनकी जिद, अहंकार और झूठी शान ने न सिर्फ रिश्तों में खटास डाली है बल्कि कई दशक पीछे धकेल दिया है. जो रिश्ता 2000s और 2010s में परमाणु करार, डिफेंस कोऑपरेशन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से मजबूत हुआ था, वह अब ट्रंप के रवैये की वजह से ‘अनिश्चितता’ के दौर में है. अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक का हालिया बयान बताता है कि ट्रंप प्रशासन भारत से किस तरह बात कर रहा है. लुटनिक ने कहा कि भारत जल्द ही अमेरिका के सामने ‘सॉरी’ बोलेगा और ट्रंप की मेज पर डील रखेगा. वरना उसे 50% तक के टैरिफ झेलने होंगे. क्या कोई संप्रभु देश इस तरह की भाषा बर्दाश्त करेगा? भारत के लिए यह केवल व्यापार की बात नहीं, बल्कि गरिमा और संप्रभुता का सवाल है.
‘सॉरी बोलो, वरना 50% टैरिफ झेलो’
अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने शुक्रवार को खुलकर भारत को धमकी दी कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना और BRICS का हिस्सा बने रहना बंद नहीं करता तो 50% टैरिफ झेलना होगा. उनका कहना है कि भारत आखिरकार अमेरिका के सामने झुकेगा और ट्रंप से ‘सॉरी’ कहेगा. यह बयान साफ दिखाता है कि वॉशिंगटन अब रिश्तों को साझेदारी नहीं बल्कि दबाव की राजनीति से देख रहा है.
SCO की तस्वीर और ट्रंप का डर
Discover more from News Journals
Subscribe to get the latest posts sent to your email.