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याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है. याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट ऑफ मंडमस (परमादेश) जारी करने की अपील की गई है, जिसमें केंद्र सरकार (प्रतिवादी नंबर 1) को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान के प्रति अपनी वफादारी की शपथ तोड़ी है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग के खिलाफ झूठा आंदोलन चलाकर इस संवैधानिक संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस (प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत एक पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है) ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी. हालांकि, प्रतिवादी नंबर 3 से 5 द्वारा निर्वाचन आयोग के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के वैधानिक व संवैधानिक कार्यों में गैरकानूनी हस्तक्षेप करता है. निर्वाचन आयोग को देशभर में मतदाता सूची तैयार करने और संशोधन करने का विशेष अधिकार प्राप्त है, जो प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग की है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
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